कैनवास
( डॉ. जे.एस.बी. नायडू की कलम से )
Thursday, October 20, 2011
मैं सोच रहा था ..
कि ..
अच्छे लगते हैं
मुझे
वे लोग
जो मेरा विरोध करते हैं ..
मैं सोच रहा था ..
शायद
इसलिये .. कि
वे बदले में दरअसल
अनजाने ही सही ..
मुझे बता जातें हैं ..
मेरी
गलतियां ..
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