कैनवास
( डॉ. जे.एस.बी. नायडू की कलम से )
Sunday, March 06, 2011
मै सोच रहा था ..
एक हम हैं कि तिकोन का चौथा कोना ढूंढने में रह गये और वक्त गुजरता चला गया .. मैं कैलेंडर देख रहा था .. मै सोच रहा था ..
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