कैनवास
( डॉ. जे.एस.बी. नायडू की कलम से )
Tuesday, January 25, 2011
मैं सोच रहा था ..
अपनी उम्र का हिसाब इस बात से करना चाहिये कि आपके सही अर्थो में दोस्त कितने हैं .. शुभ चिंतक कितने हैं .. । उम्र का हिसाब वर्षों में करने से क्या फायदा .. निरर्थक .. कोई कह रहा था .. मैं सुन रहा था .. मैं सोच रहा था ..
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