कैनवास
( डॉ. जे.एस.बी. नायडू की कलम से )
Sunday, August 21, 2011
मैं सोच रहा था ..
यादें ..
आपसे कोई नहीं छीन नहीं सकता ..
सिवाय प्रकृति के ..
मैं सोच रहा था ..
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